Jammu-Kashmir Terrorists- जम्मू-कश्मीर में सेना के जवानों पर आतंकियों की फिर गोलीबारी; 2 जवान घायल, जंगल भागे आतंकी

जम्मू-कश्मीर में सेना के जवानों पर आतंकियों की फिर गोलीबारी; 2 जवान घायल, इलाज के लिए अस्पताल लाए गए, जंगल भागे आतंकी

Jammu-Kashmir Terrorists Vs Indian Army Encounter in Doda Soldiers Injured

Jammu-Kashmir Terrorists Vs Indian Army Encounter in Doda Soldiers Injured

Jammu-Kashmir Terrorists: जम्मू-कश्मीर में आतंकी अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने से पीछे नहीं हट रहे। खासकर यहां डोडा जिले में आतंकी गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है। डोडा में एक बार फिर सेना के जवानों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई है। बताया जाता है कि, बुधवार देर रात डोडा में कास्तीगढ़ इलाके के जद्दन बाटा गांव में एक स्कूल में बने अस्थायी सुरक्षा शिविर पर आतंकियों ने हमला करते हुए गोलीबारी शुरू की।

इस शिविर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे सेना के जवान ठहरे हुए थे। आतंकियों की गोलीबारी में सेना के 2 जवान घायल हुए हैं। जिसके बाद दोनों जवान तत्काल इलाज के लिए अस्पताल ले जाये गए। वहीं दूसरी तरफ आतंकियों को खदेड़ते हुए सेना के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की और इसके बाद सेना और आतंकियों के बीच रुक-रुककर मुठभेड़ होती रही।

गोलीबारी कर जंगल भागे आतंकी

बताया जाता है कि, जवाबी कार्रवाई में जवानों और आतंकियों के बीच एक घंटे से अधिक समय तक गोलीबारी जारी रही। इसके बाद आतंकी जंगल की तरफ भाग निकले। जिसके बाद सेना के जवानों ने पीछा करते हुए आतंकियों को जंगल में घेरा और इस बीच दोनों ओर से मुठभेड़ चलती रही। फिलहाल, जंगल में भागे आतंकियों को लेकर ऑपरेशन अभी भी जारी है। जंगल में आंतकी आसपास छिपे हुए हैं। सेना के जवान आंतकियों की तालश कर रहे हैं।

15 जुलाई को डोडा में शहीद हुए थे सेना के 4 जवान

ज्ञात रहे कि, डोडा में ही 15 जुलाई की रात आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के एक कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए थे। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक जवान की भी शहदत हुई थी। दरअसल, डोडा के डेसा जंगल इलाके में सेना के जवानों ने आतंकियों को घेर रखा था। जहां इस दौरान आतंकियों ने खुद के बचाव के लिए जवानों पर गोलीबारी की और भागने की कोशिश की। खुद को घिरता देख आतंकियों ने जवानों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं।

बता दें कि, डोडा के डेसा जंगल इलाके में भारतीय सेना की यूनिट राष्ट्रीय राइफल्स ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के साथ सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। वहीं इस ऑपरेशन के बीच 16 जुलाई की रात डोडा के डेसा फोरेस्ट बेल्ट के कलां भाटा में और पंचानभाटा इलाके में आतंकियों ने फिर फायरिंग की थी.

डोडा में बढ़ीं आतंकी गतिवधियां

जम्मू डिवीजन के डोडा में 9 जुलाई को भी एनकाउंटर हुआ था। वहीं 26 जून और 11-12 जून को सेना और आतंकियों में मुठभेड़ हुई। दरअसल, 11 जून की रात आतंकियों से जहां एक तरफ जवानों की कठुआ के एक गांव में मुठभेड़ तो दूसरी तरफ इसी रात आतंकियों ने डोडा में सेना की चौकी पर अटैक कर दिया। आतंकियों ने हमला करते हुए गोलीबारी की थी। आतंकियों के इस हमले में पांच से छह जवान घायल हो गए थे। जिसके बाद एनकाउंटर शुरू हो गया था। इसके बाद 12 जून को डोडा के गंडोह में सेना और आतंकियों में मुठभेड़ हुई। वहीं इसके बाद 26 जून को डोडा के गंडोह में ही मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मारा गया था।

डोडा में कहां-कहां छिपे आतंकी

डोडा जिले को 2005 में आतंकवाद मुक्त घोषित कर दिया गया था। लेकिन 11-12 जून के बाद से यहां आतंकी फिर से एक्टिव हो गए और तबसे अब तक लगातार आतंकी सेना के जवानों को निशाना बना रहे हैं। डोडा इलाके में बीते कई दिनों से भारतीय सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। दरअसल, डोडा के घने जंगल और दुर्गम इलाकों में आतंकियों ने शरण ली हुई है। माना जा रहा है कि, कुछ लोकल लोगों का सहयोग भी आतंकियों को मिल रहा है, जिससे वह अपने मंसूबों में कामयाब हो रहे हैं। 

इंटेलीजेंस का भी फ़ेल्योर!

पिछले कुछ दिनों से जम्मू रीजन के इलाकों में जिस तरह से आतंकी गतिविधियां सामने आईं हैं। ऐसा लग रहा है कि, जम्मू संभाग में इस समय आतंकवादियों की भारी मौजूदगी है। इसके साथ ही जम्मू रीजन में लगातार इंटेलीजेंस का फ़ेल्योर सामने आ रहा है। ज्ञात रहे पिछले महीने 4 जून को जम्मू रीजन के रियासी क्षेत्र में आतंकियों ने शिव खोड़ी से कटरा आ रही श्रद्धालुओं से भरी एक बस पर हमला किया था। जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा जम्मू रीजन के कठुआ में भी आतंकी गतिवधियां बढ़ती दिख रहीं हैं।

10 दिनों में 11 जवानों की शहादत

जम्मू-कश्मीर घाटी में आतंकी लगातार सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी जुलाई महीने में 10 दिनों के भीतर आतंकियों की गोलीबारी में 11 जवानों की शहादत हो चुकी है। पहले 5 और 6 जुलाई को कुलगाम में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के 2 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि, इस दौरान 6 आतंकियों को भी मर गिराया गया था। जिसके बाद बौखलाए आतंकियों ने 8 जुलाई को कठुआ में सेना के ट्रक पर हमला कर दिया। इस हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए। इसके बाद अब 15 जुलाई की रात डोडा में आतंकी हमले में सेना के 4 जवानों की जान चली गई।

पूरी ट्रेनिंग के साथ घाटी में घुसे हैं आतंकी

घाटी में बढ़ते आतंकी हमलों के पीछे जहां खुफिया तंत्र की चूक और उन्हें मिल रहे लोकल लोगों के सहयोग को अहम माना जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ यह भी माना जा रहा है कि, घाटी में घुसे आतंकी पूरी ट्रेनिंग के साथ आए हैं। उन्हें जंगल इलाके में छिपने और निशाना बनाने का अनुभव है। कैसे हमला करना है। आतंकियों को इसकी पूरी ट्रेनिंग है। इसके अलावा खास बात यह है कि, सेना एवं सुरक्षा बलों को गुप्त सूचनाएं हासिल करने में स्थानीय आम जनता का सहयोग नहीं मिल पा रहा है।